Mayur Shelke, मयूर शेलके कौन है, Mayur Shelke kaun hai, मयूर शेलके की चर्चा का क्या कारण है,

 एक साधारण रेलवे कर्मचारी से सुपर हीरो बने मयूर शेलके कुछ ही दिनों में फिर दोबारा से लोगों से दुआएं बटोर रहे हैं। पहले उनकी बहादुरी पर हर कोई नतमस्तक था हर तरफ उनकी बहादुरी की प्रशंसा हो रही थी। पहले उनकी बहादुरी को लेकर तारीफ हुई और अब उनके दरिया दिल को लेकर तारीफ हो रही है। जानिए कैसे इस common man सुपर हीरो ने इस बार फिर से दिल जीतने का काम किया है।



बच्ची के परिवार के साथ बांटेंगे अपना ईनाम की धनराशि

 

एक आम रेलवे कर्मचारी मयूर शेलके एक नेत्रहीन मां के बच्चे को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना बचाने के कारण सुर्खियों में आए हैं। उनके बहादुरी भरे काम के बाद लोगों ने मयूर की जमकर तारीफ की। तारीफ और दुआओं के साथ-साथ उन्हें रेलवे के अलावा अन्य निजी संस्थानों ने भी इनाम देने की घोषणा की है। मयूर की बहादुरी के लिए उन्हें ईनाम मिलना ही चाहिए लेकिन इस बार उन्होंने ने जो किया है उसके लिए उन्हें जितना बड़ा इनाम दिया जाए वो भी शायद कम ही होगा। दरअसल मयूर शेलके ने इनाम में मिलने वाली धनराशि का आधा हिस्सा उसी बच्ची के परिवार को देने का फैसला किया है जिसकी उन्होंने जान बचाई थी। बता दें कि सेंट्रल रेलवे ने उनकी बहादुरी के लिए उन्हें 50 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है।  


आखिर क्या घटना थी?


बता दें कि मयूर ने एक नेत्रहीन मां के बच्चे को बचाने के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर बच्ची को बचाया था। बच्चे को बचाते हुए उनका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सहित केंद्रीय रेल मंत्री तथा आनंद महिंद्रा ने मयूर की बहादुरी की जमकर तारीफ की। 17 अप्रैल को महाराष्ट्र के वंगाणी रेलवे पर एक मां अपने बच्चे का हाथ पकड़ कर चल रही थी। बच्चा ट्रैक के नजदीक ही था। कि अचानक उसका हाथ छूट गया और वह ट्रैक पर जा गिरा। ट्रैक पर गिरने पर बच्चा चिल्लाने लगा और उसकी मां उसे बचाने की कोशिश करने लगी। मां अपनी लाडली को बचाने में असमर्थ थी क्योंकि अगर मां नेत्रहीन ना होती तो अपने बच्चे को बचा ही लेती। मां के दिल की धड़कनें तब और तेज हो गईं जब उसे महसूस हुआ कि जिस ट्रैक पर उसका बच्चा गिरा है उसी ट्रैक पर एक ट्रेन आ रही है। इसी बीच शेलके किसी सुपर हीरो की तरह तेजी से आए और बच्चे को ट्रैक से उठाकर प्लेटफॉर्म पर रख दिया। ये इतना आसान नहीं था क्योंकि बच्चा बच गया था मगर शेलके अभी भी ट्रैक पर ही थे। उन्होंने बड़ी फुर्ती से छलांग लगाई और खुद भी प्लेटफ़ॉर्म पर चढ़ गए। उनके ऊपर चढ़ते ही ट्रेन बड़ी तेजी के साथ वहां से गुजर गई। आपको बता दें कि शेलके मुंबई के निकट वंगाणी स्टेशन पर पॉइंट्समैन के तौर पर तैनात हैं। 


बहादुरी के लिए मिल रहे हैं इनाम 

मयूर की बहादुरी से प्रभावित हो कर जावा मोटरसाइकिल्स के डायरेक्टर अनुपम थरेजा ने उन्हें जावा हीरोज़ इनीशिएटिव के तहत नई जावा मोटरसाइकिल उपहार में देने की घोषणा की थी। इसकी जानकारी उन्होंने अपने ट्विटर ट्वीट के माध्यम से दी है। इसके अलावा एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट ने भी मयूर शेलके को 50 हजार रुपए देने की घोषणा की है। मयूर  शेलके रेलवे की तरफ से मिलने वाली पुरस्कार राशि को बच्चे के परिवार के साथ बांटेंगे। उनकी इस घोषणा के बाद एक बार फिर से सोशल मीडिया पर लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे। सुपर हीरो के बाद अब उन्हें दानवीर का उपनाम भी मिल गया है।

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