गुटनिरपेक्षता की नीति क्या है? What is non aligned movement
नमस्कार दोस्तों आज हम गुटनिरपेक्षता नीति के ऊपर चर्चा करेंगे। और कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल करेंगे। गुटनिरपेक्ष नीति से हमारा अभिप्राय है। कि हम किसी भी गुट में शामिल नहीं होंगे। हम किसी भी देश के साथ आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक रूप से शामिल नहीं होंगे। हम स्वयं अपने देश की अखंडता व सुरक्षा को कायम रखेंगे। गुटनिरपेक्ष राज्य वह राज्य होता है। जो किसी भी देश के साथ सैनिक समझौता नहीं करता है।
अंतरराष्ट्रीय विषयों के संबंध में स्वविवेक व स्वतंत्र निर्णय लेता है। शीत युद्ध के दौरान विश्व दो गुटों में बंट गया था। एक गुट का प्रतिनिधित्व सोवियत संघ रूस कर रहा था। और दूसरे गुट का प्रतिनिधित्व पूंजीवादी अमेरिका कर रहा था। जब विश्व दो गुटों में बंट गया था। तब पंडित जवाहरलाल नेहरु जी ने गुटनिरपेक्षता की नीति को अपनाया था। पंडित ज्वाला नेहरू जी ने गुटनिरपेक्षता की नीति को इसलिए अपनाया था क्योंकि भारत को आजाद हुए काफी कम समय हुआ था। जिस कारण हमारा देश भारत सामाजिक आर्थिक राजनीतिक रूप से पिछड़ा हुआ था विकास की राह पर चला हुआ था अगर हमारा देश किसी एक गुट में शामिल हो जाता तो हमारे देश को एक ही देश से आर्थिक सहायता मिलने थी इसलिए हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित ज्वाला नेहरू जी ने गुटनिरपेक्षता की नीति को अपनाया ताकि हमारा देश दोनों देशों से आर्थिक सहायता ले सके किसी एक देश के पीछे पीछे लघु ना बने। गुटनिरपेक्ष आंदोलन में कुल 120 सदस्य देश हैं।
गुटनिरपेक्षता का अर्थ तटस्थता नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है। गुटनिरपेक्ष देश उसी देश का पक्ष लेते हैं जो सही हो। वर्तमान समय में गुटनिरपेक्ष आंदोलन के साथ कई देश जुड़े रहे। गुटनिरपेक्ष आंदोलन के साथ वही देश जुड़ते हैं जो विकासशील होते हैं। गुटनिरपेक्ष आंदोलन ने शीत युद्ध के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी अंतरराष्ट्रीय तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
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