ब्रेकिंग न्यूज़

TRENDING NOW

व्यापार व्यवसाय

ब्रेकिंग न्यूज़

शिक्षा और करेंट अफेयर्स

Latest News,Teach News,Health,Homemade Remedies, Benefits Of Fruits,New Govt.Vacancy,Competition News, lifestyle,
उसके साथ पहली मुलाकात से पहले मेरी जिंदगी बहुत हसीन थी। न जिंदगी में कोई गम था और न ही किसी चीज को
पाने की चाहत थी। उससे‌ मुलाकात से पहले जिंदगी यूं ही बीता करती थी। जैसे मुसाफिरो की जिंदगी बीत जाती है एक अनजाने सफर में! न ही धरती पर कुछ पाने की चाहत और ना ही आकाश में कुछ खोजने की चाहत थी। मेरी जिंदगी कुछ कामों तक ही सीमित रह चुकी थी। दिन में जागना, रात को
सोना ही जिंदगी का पहलू बन चुका था। यारों के साथ मस्ती करना और पढाई से दूर भागना। पढ़ाई के साथ मेरा वैसा ही रिश्ता था जैसा धरती और आसमान का! मुझे सभी लोग एक ही बात बोला करते थे कि तूं पढता क्यों नहीं? अगर तूं पढेगा नहीं। 


तो जिंदगी में क्या करेगा? इस दुनिया में कोई साथ
नहीं देगा तेरा? पर मैं उनकी बातों पर ध्यान नहीं देता था। क्योंकि मां मुझे बोला करती थी कि कोई तेरा साथ दे या ना दे मैं हमेशा परछाईं बनकर तेरा साथ दूंगी। खुशी में तो पूरी दुनिया तुझे समेट कर रखेंगी पर मैं तुझे तब भी समेट कर रखूंगी जब तू गम में बिखर रहा होगा। तेरे हर दुख को पहले मुझे बिखेरना होगा। मुझे लगता था कि दुख भगवान जी ने बनाया है और दुख भगवान को कैसे बिखेर सकता है। जब भगवान ने मां को बनाया होगा तो वो भी रोया होगा कि इसे प्राण दे सकता हूं प्राण वापस लेने का गुनाह कैसे कर सकता हूं। मां हमारे हर दुख को पी लेती है शायद इसी वजह से हमारी पहली मुलाकात पहली सांस पहला शब्द पहली धड़कन मां है मां शब्द जब पहली बार जीभ‌ पर आया होगा तो जीवन ने जीवन रूपी अमृत पिया होगा।

नोट - मैं कोई लेखक नहीं हूं बस लिखना पसंद है और कोशिश कर रहा हूं ताकि एक अच्छा लेखक बन सकूं। और ये मेरा एक छोटा सा प्रयास है आप मुझे बताइए कहां सुधार की गुंजाइश है ताकि मैं अपनी लेखनी में सुधार कर सकूं।
धन्यवाद 
अभिषेक 

Latest News,Teach News,Health,Homemade Remedies, Benefits Of Fruits,New Govt.Vacancy,Competition News, lifestyle,

 हिमाचल प्रदेश में 10 वीं और 12 वीं कक्षाओं के नतीजे कब जारी होंगे। नतीजे जारी होने की संभावित तारीख क्या है? आपके इन सभी प्रश्नों का उत्तर हम देने की कोशिश करेंगे। छात्राओं द्वारा लगातार विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हमसे बार बार पूछा जा रहा है कि Hp Board Result कब जारी करेगा। छात्रों की परेशानी का कारण सोशल मीडिया पर विभिन्न भ्रामक पोस्ट है।



 आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड पहले 12 वीं कक्षा का परिणाम जारी करेगा। इसके बाद 10 वीं कक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा। 12 वीं कक्षा के नतीजे  मई महीने के 15 मई से पहले जारी होने की पूरी संभावना है। और 10 वीं कक्षा के नतीजे 20 मई संभावित तारीख तक घोषित किए जा सकते हैं। 

हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने हाल ही में कहा था कि 15 मई से पहले नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे अब देखना होगा बोर्ड कब जारी करेगा।

आप किसी भी भ्रामक पोस्ट पर यकीन न करें। www.hpbose.org पर विजिट करके आप अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं। बोर्ड द्वारा इसी बेवसाइट पर नतीजे घोषित किए जाएंगे।


no image
Latest News,Teach News,Health,Homemade Remedies, Benefits Of Fruits,New Govt.Vacancy,Competition News, lifestyle,

  हड़प्पा सभ्यता(hadappa sabhyata ki Den) ने विश्व को निम्नलिखित चीजों का ज्ञान दिया जिसका विस्तार से वर्णन इस प्रकार से है -

1. नगरों का निर्माण- हड़प्पा सभ्यता से हमने योजना ढंग से नगरों का निर्माण करना सीखा। भावनों के निर्माण में पक्की ईंटों का प्रयोग। खुले तथा हवादार भवन तथा दो तथा उससे अधिक मंजिलों के भावनों का निर्माण भी हड़प्पा सभ्यता की देन है जिसे प्रत्यक्ष रूप से आज देखा जा सकता है।

2. सर्वोत्तम नगर प्रबंध- हड़प्पा सभ्यता का नगर प्रबंध भी सर्वोत्तम ढंग था सड़के एवं गलियां चौड़ी बनाई जाती थी इनमें प्रकाश का पर्याप्त प्रबंध था शहर में सफाई तथा गंदे पानी के निकास के लिए नालियों की उत्तम व्यवस्था थी। बर्तन तथा ईटों की भट्टियों को शहर से दूर बनाया जाता था ताकि वातावरण प्रदूषित न हो।


3. ग्रहों तथा नक्षत्र का अध्ययन- हड़प्पा के निवासियों ने हमें ग्रहों और नक्षत्रों के अध्ययन के आधार पर बाढ़ आने की संभावना का पूर्व अनुमान लगाने की कला सिखाई ।इन्होंने ही हमें बाढ़ से अपने नगरों की सुरक्षा का ढंग बताया।


4. हार श्रृंगार - आधुनिक स्त्रियों द्वारा किए जाने वाले अनेक श्रृंगार हड़प्पा सभ्यता के समय में भी प्रचलित थे पुरुषों में केश व दाढ़ी का रिवाज हड़प्पा सभ्यता की देन है।


5. शतरंज तथा वाटो का प्रयोग- आज भी खेले जाने वाले खेल तथा वस्तुओं तोलने के लिए किए जाने वाले वाटो का प्रयोग हमने हड़प्पा सभ्यता के निवासियों से सीखा है।


6. कपास की खेती- हड़प्पा के लोगों ने ही कपास की खेती विश्व में प्रचलित की थी जो आज एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।


7. बैलगाड़ी तथा नावों का प्रयोग- व्यापार के लिए बैलगाड़ी तथा नावों का प्रयोग हमने हड़प्पा लोगों से सीखा है जो कि उनकी देन है।

Latest News,Teach News,Health,Homemade Remedies, Benefits Of Fruits,New Govt.Vacancy,Competition News, lifestyle,

रामधारी सिंह दिनकर जीवन परिचय


रामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari Singh Dinkar) हिंदी के ऐसे ओजस्वी कवि हैं जिनके काव्य में सूर्य का ताप और लावे की गर्मी एक साथ दिखती है। रामधारी सिंह दिनकर का जन्म सन 1908 ईस्वी को बिहार के मुंगेर जिले के सिमरिया गांव में हुआ। इनके पिता का नाम रवि सिंह तथा माता का नाम मनरूप देवी था एक कृषक परिवार में जन्मे दिनकर जी 2 वर्ष की अल्पायु में पिता के संरक्षण से वंचित हो गए। प्रारंभिक शिक्षा गांव में प्राप्त करने के पश्चात मोकामाबाद हाई स्कूल में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की। इंटर तथा बीए की परीक्षा पटना विश्वविद्यालय से पास करने के पश्चात पारिवारिक कारणों के कारण आगे नहीं पढ़ सके। अत: नौकरी में लग गए। कुछ दिनों तक इन्होंने प्रधानाचार्य के पद पर कार्य किया। और फिर कुछ दिनों बाद यह बिहार विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष पर आसीन हो गए।


दिनकर जी भारतीय संसद के सदस्य भी निर्वाचित हुए। कुछ समय के लिए भागलपुर विश्वविद्यालय के उप कुलपति भी रहे। इसके बाद भारत सरकार के गृह विभाग में हिंदी सलाहकार के रूप में अपनी सेवा दी।

सम्मान:- दिनकर जी (Ramdhari Singh Dinkar) को अनेक राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किए गए। साहित्य अकादमी का पुरस्कार उन्हें उर्वशी पर मिला और भारत सरकार की ओर से उन्हें पदम भूषण की उपाधि भी प्रदान की गई। दिनकर जी ने अनेक विदेशों का भ्रमण किया और विदेशों में हिंदी का सम्मान बढ़ाया।

देहांत:- दिनकर का प्रारंभिक जीवन अत्यंत संघर्षरत रहा। दिनकर जी का देहांत सन 1974 में हुआ। दिनकर जी आपके द्वारा दिया गया हिंदी साहित्य में योगदान के कारण हिंदी साहित्य सदैव आपका ऋणी रहेगा।

दिनकर जी की साहित्य रचनाएं:- रामधारी सिंह दिनकर जी की रचनाएं निम्नलिखित हैं रेणुका, हुंकार, इतिहास के आंसू, दिल्ली, नीम के पत्ते, कुरुक्षेत्र महाकाव्य, उर्वशी महाकाव्य, आत्मा की आंखें, परशुराम की प्रतीक्षा।

प्रमुख गद्य रचनाएं:- मिट्टी की ओर, हमारी सांस्कृतिक एकता, संस्कृति के चार अध्याय, धर्म, नैतिकता और विज्ञान, वट पीपल।

निबंध संग्रह:- अर्धनारीश्वर।

भाषा शैली:- दिनकर जी की भाषा शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली है जिसमें संस्कृत शब्दों की बहुलता है। उर्दू एवं अंग्रेजी के प्रचलित शब्द भी उनकी भाषा में उपलब्ध हो जाते हैं। कहीं-कहीं देशज शब्दों के साथ-साथ मुहावरों का प्रयोग भी मिल जाता है।


नोट- हमारे द्वारा डाली गई सामग्री किसी की Copyright सामग्री का उल्लघंन करती है तो हमें संदेश भेजें। हम तुरंत उसे हटा देंगे। धन्यवाद 

Latest News,Teach News,Health,Homemade Remedies, Benefits Of Fruits,New Govt.Vacancy,Competition News, lifestyle,

 अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम1989 / SC/ST act1989 

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम 11 सितंबर 1989 ईस्वी में भारतीय संसद द्वारा पारित किया गया था जिसे 30 जनवरी 1990 को सारे भारत में लागू किया गया। यह अधिनियम अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति पर अत्याचारों की रोकथाम करता है यह अधिनियम प्रत्येक उस व्यक्ति पर लागू होता है जो अनुसूचित जाति व जनजाति का सदस्य नहीं है तथा वह उन वर्गों का शोषण व उत्पीड़न करता है अर्थात उन पर अत्याचार करता है तो उस व्यक्ति पर कार्रवाई व दंड देने का प्रावधान इस अधिनियम में है इस अधिनियम में 5 अध्याय, 23 धाराएं हैं।



क्या करता है यह कानून? 

यह अधिनियम अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजातियों (SC/STAct1989) के विरूद्ध किए गए अपराधों के निवारण के लिए है यह अधिनियिम ऐसे अपराधों के संबंध में मुकदमा चलाने तथा ऐसे अपराधों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए राहत एवं पुनर्वास का प्रावधान करता है।

1. यह अधिनियम अनुसूचित जातियों और जनजातियों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ अपराधों को दंडित करता है।

2. यह पीड़ितों को विशेष रक्षा का अधिकार देता है।

3. अनुसूचित जाति जनजाति से संबंधित मामलों में अदालत स्थापित करता है जिसे इन मामलों को जल्दी सुलझाया जा सके।

4. अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को कानूनी सुरक्षा मुहैया करवाता है।